Fitness Tips: मानसून में स्वस्थ रहने के लिए करें ये योगासन, बिमारी छुएगी भी नहीं, जानिए इन्हें करने की विधि

मानसून का मौसम आते ही हमारी दिनचर्या और स्वास्थ्य पर कुछ बदलाव देखने को मिलते हैं। इस मौसम में सर्दी, खांसी और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। योगासन न केवल शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं बल्कि मन को शांत और तनावमुक्त भी रखते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे योगासन जो मानसून में आपको स्वस्थ और एक्टिव बनाए रखने में मदद कर सकते हैं:

क्यों हैं योगासन महत्वपूर्ण?

योगासन सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि शरीर और मन को एक सूत्र में बांधने का एक प्राचीन कला है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

विशेषकर मानसून जैसे मौसम में, जब बीमारियां आसानी से फैलती हैं, योगासन हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर हमें सुरक्षित रखते हैं। नियमित योग अभ्यास से हमारा पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है, जिससे मौसमी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। तनाव आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है और योगासन इस समस्या का एक प्रभावी समाधान है।

योगासन करने से तनाव कम होता है और हम मानसिक रूप से मजबूत होते हैं। योगासन शरीर को लचीला बनाते हैं, जिससे शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर के सभी अंग स्वस्थ रहते हैं। योगासन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं, जो बढ़ती उम्र में होने वाले जोड़ों के दर्द से बचाता है।

योगासन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। योगासन करने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है, चिंता कम होती है और नींद अच्छी आती है। यह हमें सकारात्मक सोच रखने में मदद करता है और जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण देता है। अंत में, योगासन एक ऐसा उपहार है जो हमें स्वस्थ, खुशहाल और तनावमुक्त जीवन जीने में मदद करता है। यह एक ऐसी विधा है जिसे हर कोई, किसी भी उम्र में अपना सकता है।

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मानसून के मौसम में इन योगासनों से रहें स्वस्थ और फिट

मानसून का मौसम आते ही हमारी दिनचर्या और स्वास्थ्य पर कुछ बदलाव देखने को मिलते हैं। इस मौसम में सर्दी, खांसी और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। योगासन न केवल शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं बल्कि मन को शांत और तनावमुक्त भी रखते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे योगासन जो मानसून में आपको स्वस्थ और एक्टिव बनाए रखने में मदद कर सकते हैं:

सूर्य नमस्कार:

सूर्य नमस्कार को योग का राजा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह एक ऐसा अभ्यास है जो पूरे शरीर को एक साथ जागृत करता है। बारह आसनों का यह समूह एक-दूसरे के पूरक है और शरीर के हर कोने तक पहुंचता है। सूर्य नमस्कार करने से मांसपेशियां मज़बूत होती हैं, जोड़ लचीले बनते हैं और शरीर की हर कोशिका को खिंचाव मिलता है। यह न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी वरदान है। रक्त संचार को बढ़ावा देने से लेकर पाचन तंत्र को मज़बूत बनाने तक, तनाव कम करने से लेकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तक, सूर्य नमस्कार के लाभ असीम हैं। यह हार्मोन संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और नियमित अभ्यास से वजन नियंत्रण में भी सहायता मिलती है। हालांकि, सूर्य नमस्कार करते समय अपनी सीमाओं का ध्यान रखना जरूरी है और किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में एक योग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।

त्रिकोणासन:

त्रिकोणासन, या त्रिकोण मुद्रा, योग की एक अत्यंत लाभकारी मुद्रा है जो शरीर और मन दोनों को शुद्ध करती है। यह आसन न सिर्फ शारीरिक लचीलेपन को बढ़ाता है बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। त्रिकोणासन पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है। यह शरीर की संपूर्ण मुद्रा में सुधार लाता है, कूल्हों, पैरों और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। तनाव और चिंता से मुक्ति के लिए यह एक प्रभावी उपाय है, क्योंकि यह मन को शांत और केंद्रित रखने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, त्रिकोणासन रक्त संचार को बढ़ावा देता है, जिससे शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। यह शरीर के संतुलन को बेहतर बनाने में भी सहायक होता है। नियमित अभ्यास से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, विशेषकर पैरों, कूल्हों, पीठ और हाथों की। हालांकि, किसी भी शारीरिक समस्या की स्थिति में त्रिकोणासन शुरू करने से पहले चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक है।

भुजंगासन:

भुजंगासन, या सर्पासन, योग की एक मूलभूत लेकिन अत्यंत प्रभावशाली मुद्रा है जो शरीर को कई लाभ प्रदान करती है। रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने और लचीला बनाने में इसकी अद्भुत क्षमता इसे विशेष बनाती है। पीठ के निचले हिस्से की समस्याओं से राहत दिलाने में यह अत्यंत उपयोगी है। इसके अलावा, भुजंगासन पाचन तंत्र को उत्तेजित करके सुधारता है, जिससे कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से निजात मिलती है। शरीर में ऊर्जा प्रवाह को बढ़ावा देने के साथ-साथ छाती को खोलकर श्वास को गहरा करने में भी यह सहायक है। पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ-साथ रक्त संचार को बेहतर बनाने में भी इसका योगदान महत्वपूर्ण है। नियमित अभ्यास से, भुजंगासन शरीर को स्वस्थ, लचीला और ऊर्जावान बना सकता है।

धनुरासन:

धनुरासन, या धनुषासन, एक शक्तिशाली योग मुद्रा है जो शरीर को धनुष के समान आकार में लाती है। यह आसन न केवल शारीरिक लचीलेपन को बढ़ाता है बल्कि पाचन तंत्र को भी मजबूती प्रदान करता है। पेट के अंगों पर सकारात्मक दबाव डालकर यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। इसके अलावा, धनुरासन शरीर की विभिन्न मांसपेशियों, विशेषकर पीठ, पेट और पैरों को मजबूत बनाता है। रक्त संचार को बढ़ावा देकर यह शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाता है। तनाव और चिंता को कम करने की क्षमता के साथ-साथ यह छाती को खोलकर श्वास को गहरा करने में भी सहायक है। नियमित अभ्यास से धनुरासन शरीर को लचीला, मजबूत और तनावमुक्त बना सकता है।

पादहस्तासन:

पादहस्तासन, या हाथों को पैरों तक ले जाने की मुद्रा, योग की एक शक्तिशाली विधि है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को बढ़ावा देती है। यह आसन तनाव और चिंता को प्रभावी ढंग से कम करके मन को शांत और स्थिर बनाता है। शरीर पर इसके खिंचाव के कारण मांसपेशियों में तनाव दूर होता है और लचीलापन बढ़ता है। इसके अलावा, पादहस्तासन पाचन तंत्र को उत्तेजित कर पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करने में भी यह सहायक है। नियमित अभ्यास से, पादहस्तासन शरीर को लचीला, तनावमुक्त और मानसिक रूप से संतुलित बना सकता है।

शवासन:

शवासन, या मृत्यू आसन, योग अभ्यास का एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली अंतिम चरण है। यह एक विश्राम की अवस्था है जिसमें शरीर और मन को पूर्ण शांति मिलती है। शवासन न केवल तनाव और चिंता को दूर भगाता है बल्कि नींद की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने, पाचन तंत्र को संतुलित करने और शरीर को पुनर्जीवित करने में भी मदद करता है। शवासन के दौरान शरीर की सभी मांसपेशियां पूरी तरह से ढीली हो जाती हैं, जिससे गहरी विश्राम की अनुभूति होती है। यह आसन मन को शांत और केंद्रित करने में भी सहायक है। नियमित शवासन अभ्यास से व्यक्ति अधिक ऊर्जावान, ताज़ा और संतुलित महसूस करता है।

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योगासन करते समय सावधानियां

योग एक शक्तिशाली अभ्यास है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को बेहतर बना सकता है। लेकिन, योगासन करते समय कुछ सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है ताकि आप चोटों से बच सकें और अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।

1. खाली पेट योग करें:
योगासन हमेशा खाली पेट या भोजन करने के 3-4 घंटे बाद करना चाहिए। भोजन के तुरंत बाद योग करने से पाचन क्रिया बाधित हो सकती है और आप असहज महसूस कर सकते हैं।

2. आरामदायक कपड़े पहनें:
योग करते समय ऐसे ढीले-ढाले और आरामदायक कपड़े पहनें जो आपके शरीर की गतिविधियों में बाधा न डालें। कड़े कपड़े आपके शरीर को सीमित कर सकते हैं और आपकी एकाग्रता भंग कर सकते हैं।

3. सांस पर ध्यान दें:
योगासन के दौरान सांस लेने पर विशेष ध्यान दें। धीरे-धीरे और गहरी सांस लें । सांस को अपने शरीर के हर हिस्से तक पहुंचने दें। सांस लेने पर ध्यान केंद्रित करने से आप अधिक आराम महसूस करेंगे और अपने शरीर को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे ।

4. योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में योग करें :
शुरुआत में , किसी योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में योग करना सबसे अच्छा होता है । एक योग प्रशिक्षक आपको सही आसन करने का तरीका सिखाएगा और आपको चोटों से बचाएगा । वे आपको अपनी सीमाओं को समझने में भी मदद करेंगे ।

अन्य टिप्स:

मानसून में हल्का और पौष्टिक भोजन करें ।
खूब पानी पिएं ।
नियमित रूप से व्यायाम करें ।
पर्याप्त नींद लें ।

इन सावधानियों का पालन करके आप योग का आनंद ले सकते हैं और इसके कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं । यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है तो योगासन शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें । योगासन मानसून में स्वस्थ रहने का एक शानदार तरीका है । नियमित रूप से योगासन करने से आप बीमारियों से दूर रह सकते हैं और एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं ।

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